Saturday, December 1, 2007

पोहा जलेबी


हाँ तो पहली डाक (पोस्ट) ब्लाग के नाम के हिसाब सो होनी चाहिऐ। तो लीजिये गरमा गरम पोहे और जोरदार जलेबी।
तो क्या हे ये पोहा जलेबी। ये हमारे इंदौर का ईस्तेपल फ़ूड हे। यहाँ लोघों को नाश्ता नही समझता; सुबह जो खाते हे वो हे पोहा और जलेबी। पोहा माने उबले चावल, पिचका के, सुखा के, बघार के, उसमे धनिया पत्ती डाल के पिलेट मी डाल के दे देते हे। उसपर होती हे टोप्पिंग, सेव, मिक्सचर, ऊसल, जीरवन आदि। ओर इसके साथ होती है जलेबी, बोले तो मैदे के घोल ko फेर्मेंट करते हे, फिर उसको पतली पतली बत्ती के फॉर्म मे गोल गोल कांसन्त्रिक रिंग्स बना कर तल देते हे। उन तली हुई रिंग्स को चाशनी मे डाल कर निकालो और जलेबी तैयार।
४ रूपैये पीलेट पोहा और ४ रुपैय्ये कि जलेबी। ८ रुपये मे मस्त खाने का जुगाड़। और ये कॉम्बिनेशन आप जहाँ भी खडे हो उसके सौ मीटर के दायरे मे मिल जाएगा, चौबीसों घंटे। कोई आश्चर्य कि बात नही कि इंदौर मे एक दिन मे ४ टन पोहे बिकते है। अगर आप बेरोजगार है तो इंदौर मे एक ईस्टोल डाल लीजिये, अच्छी कमाई हो जायेगी.
पोहा और जलेबी तो हर जगह मिलते है, पर एक तो साथ साथ मी नही मिलते है, और अगर आप साथ साथ पा भी लें तो भी ईंदोरी मज़ा नही मिलेगा। इसके स्वाद के लिए आपको इंदौर ही आना पड़ेगा।
तो जरा अपने टेस्ट बड्स को ट्रीट दीजिए और इस स्वाद को चखिए।

2 comments:

Chintan Agarwal said...

Kya bhia, koi nayi posts kyun nahi?

retesh said...

toh bhaiya ye hai indore ka poha jalebi jise aap bombay ka bada pao bhi bol sakte hai .jaise bombay me bada pao matlab kahan aaise hi indore me poha jalebi matlab khana.roj subah poha jalebi me toh kahuga subah hi nahi ,dopahar,shaam ,raat,chaahe wxam ho chahe na ho hum poha jalebi toh khaege hi .ye hamara dainik aahar hai iske bina hamara dinik jeewan maano aadhura sa hai .aur sabse khaas baat is pohe me aam chije nahi balki aanar ke daane ,dhaniya,kisi hui gaajar pyaaj,aalu,tamatar aur dher saara namkeen hota hai .toh iske liya me ek sher kahuga ...."chahe tum bookh nai bhi lagegi but khao indore ki poha jalebi""


khilao khao life banao